Faith and Belief /उज्ज्वल रोशनी/09.09.2020
When we think about our surroundings with open mind then we could experience the beautiful religion of nature, the religion of universal acceptance where everyone is equal.
Those who have a confusion that their religion is God made can check on the parameter laid by nature. Our thought and ways of living could be different but we are united in the case of natural resources. Our natural resources are not divide according to our religion. Frankly only those who have a ability to make our life easy certainly might be our God, if so then nature will be our real God and universal acceptance will be our religion.
The whole world is one family and there should not be any confusion. We have probably started to learn what will happen next, rather to certainly will happened good. The time will certainly reaches to us when our faith and belief definitely will coincided.
Our history has put us towards the shadow of uncertainty, without knowing facts that the history make us proactive against the all uncertainty.
However, the bright lights of common thoughts for the betterment of humanity certainly will comes to us.
Contd.....
जब हम खुले दिमाग के साथ अपने परिवेश के बारे में सोचते हैं तो हम प्रकृति के सुंदर धर्म, सार्वभौमिक स्वीकृति के धर्म का अनुभव कर सकते हैं जहां हर कोई समान है।
जिन लोगों को भ्रम है कि उनका धर्म ईश्वर द्वारा बनाया गया है, प्रकृति द्वारा निर्धारित पैरामीटर पर जांच कर सकते हैं। हमारे विचार और जीने के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन हम प्राकृतिक संसाधनों के मामले में एकजुट हैं। हमारे प्राकृतिक संसाधन हमारे धर्म के अनुसार विभाजित नहीं हैं। सच कहूं तो जो लोग हमारे जीवन को आसान बनाने की क्षमता रखते हैं वे निश्चित रूप से हमारे भगवान हो सकते हैं, यदि ऐसा है तो प्रकृति ही हमारा वास्तविक भगवान होगा और सार्वभौमिक स्वीकृति हमारा धर्म होगा।
पूरी दुनिया एक परिवार है और इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। हमने शायद सीखना शुरू कर दिया है कि आगे क्या होगा, बल्कि निश्चित रूप से अच्छा होगा। समय निश्चित रूप से हमारे पास पहुंचेगा जब हमारा विश्वास और विश्वास निश्चित रूप से मेल खाएगा।
हमारे इतिहास ने हमें अनिश्चितता की छाया में डाल दिया है, बिना तथ्यों को जाने कि इतिहास हमें अनिश्चितता के खिलाफ सक्रिय बनाता है।
हालांकि, मानवता की भलाई के लिए सामान्य विचारों की उज्ज्वल रोशनी निश्चित रूप से हमारे पास आएगी।
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