23.05.2020/ Morning according to our expectation.
What is win and loss and who will decide it? Actually we are living in illusion as a winner or loser. Everyone comes here with nothing and subsequently depart with nothing also. Whatever actually what we have taken from others and remains unchanged till departure.
If we draw the line, we cannot determined the capacity of line and at the end of many of them will start to draw the other line to defeat them. Now competition is started to demoralise each other in the name of competition, which will never ending.
Actually our life is full of throat cut competition. we do not hesitate to remove our every possible obstruction comes in the way of our journey.
I am sure a day will come when no one have to prove yourself a winner and then situation will be win win actually.
Keep watching the rays of sun coming from hole of hut, through that a different morning will certainly come according to our expectation.
Contd....
जीत और हार क्या है और इसे कौन तय करेगा? वास्तव में हम एक विजेता या हारने वाले के रूप में भ्रम में जी रहे हैं। हर कोई यहाँ कुछ नहीं के साथ आता है और बाद में कुछ भी नहीं के साथ प्रस्थान करते हैं। जो कुछ भी हमने वास्तव में दूसरों से लिया है और प्रस्थान तक अपरिवर्तित रहता है।
यदि हम रेखा खींचते हैं, तो हम रेखा की क्षमता निर्धारित नहीं कर सकते हैं और उनमें से कई के अंत में उन्हें पराजित करने के लिए दूसरी रेखा खींचना शुरू कर देंगे। अब प्रतिस्पर्धा के नाम पर एक-दूसरे का सीमांकन करना शुरू कर दिया गया है, जो कभी खत्म नहीं होगा।
दरअसल हमारा जीवन गला काटने की होड़ से भरा है। हम अपनी यात्रा के रास्ते में आने वाली अपनी हर संभव बाधा को दूर करने में संकोच नहीं करते।
मुझे यकीन है कि एक दिन आएगा जब किसी को भी खुद को एक विजेता नहीं बनाना होगा और तब स्थिति वास्तव में जीत होगी।
झोपड़ी के छेद से निकलने वाली सूरज की किरणों को देखते रहें, एक अलग सुबह निश्चित रूप से हमारी उम्मीद के मुताबिक आएगी।
Contd ....
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