Incredible light/05.06.2020



 For the absolute peace we would have to learn respect everyone. The achievement without social involvement is like such a food, which cannot be eaten. The individual identity is nothing more than a star in sky, as their light cannot help anyone.


 The nature creates natural smile and when nature will smile then everything will become in order.Our identity is over shadowed by the cloud of arrogance, whenever we have tried to challenge the nature, the nature rewarded us  in form of disaster.


 The nature is amazing, incredible and beautiful, but those who will try to destroy the natural entities of nature, will certainly penalized with enormous nonrecoverable penalty.


 The nature use to peaceful and no one have a right to milking the nature but can use the available resources for the development of humanity, but the dispute is to how much resources could be allowed.


 For that we have to learn to directly communicate with nature,  otherwise a day will come when our crater and caretaker will destroy everything.

 Overall the sun will definitely reach to us through the small hole of hut.

Contd.....










परम शांति के लिए हमें सभी का सम्मान करना सीखना होगा। सामाजिक भागीदारी के बिना उपलब्धि ऐसे भोजन की तरह है, जिसे खाया नहीं जा सकता। व्यक्तिगत पहचान आकाश में एक तारे से ज्यादा कुछ नहीं है, क्योंकि उनकी रोशनी किसी की मदद नहीं कर सकती है।

 प्रकृति प्राकृतिक मुस्कुराहट पैदा करती है और जब प्रकृति मुस्कुराएगी तब सब कुछ क्रम में हो जाएगा। हमारी पहचान अहंकार के बादल से छाया हुई है, जब भी हमने प्रकृति को चुनौती देने की कोशिश की है, प्रकृति ने हमें आपदा के रूप में पुरस्कृत किया।

 प्रकृति अद्भुत, अविश्वसनीय और सुंदर है, लेकिन जो लोग प्रकृति की प्राकृतिक संस्थाओं को विचलित करने की कोशिश करेंगे, निश्चित रूप से विशाल अप्राप्य तपस्या के साथ दंडित किया जाएगा।
 प्रकृति का उपयोग शांतिपूर्ण है और किसी को भी प्रकृति को दुहने का अधिकार नहीं है, लेकिन मानवता के विकास के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर सकता है, लेकिन विवाद यह है कि संसाधनों की कितनी अनुमति दी जा सकती है।

इसके लिए हमें प्रकृति के साथ सीधे संवाद करना सीखना होगा, अन्यथा एक दिन आएगा जब हमारा कूटनाशक और कार्यवाहक सब कुछ नष्ट कर देगा।

कुल मिलाकर सूर्य झोपड़ी के छोटे छेद के माध्यम से निश्चित रूप से हमारे पास पहुंचेगा।



Contd .....

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