19.05.2020


 The human have treated yourself as a very smart creature of this earth, even in spite of having same software for all, they have never spare an opportunity to fool others. Let we could have to decide actually who are the fool.

 Every creature of nature have a different medulla and subsequently the  ability to think differently also. Those creature who have very complicated brain always have a more ability to lie. 

 In the fight of fatal competition of development we have started the forget the natural path. Those path who can carry us towards peace and harmony might create our value for which we are known for.

 The morning of peace and harmony are still awaited from the hole of hut.

Contd....













मानव ने खुद को इस धरती का बहुत ही चतुर प्राणी माना है, यहां तक कि सभी के लिए एक ही सॉफ्टवेयर होने के बावजूद, उन्होंने कभी भी दूसरों को बेवकूफ बनाने का मौका नहीं छोड़ा है। आइए हम वास्तव में यह तय कर सकते हैं कि मूर्ख कौन हैं।

प्रकृति के प्रत्येक प्राणी के पास एक अलग मज्जा है और बाद में अलग सोचने की क्षमता भी है। वे प्राणी जिनके मस्तिष्क बहुत जटिल होते हैं उनमें हमेशा झूठ बोलने की क्षमता अधिक होती है।

विकास की घातक प्रतिस्पर्धा की लड़ाई में हमने प्राकृतिक मार्ग को भूल गए हैं। वे मार्ग जो हमें शांति और सद्भाव की ओर ले जा सकते हैं, वे हमारे मूल्य का निर्माण कर सकते हैं जिनके लिए हम जाने जाते हैं।

शांति और सद्भाव की सुबह अभी भी झोपड़ी के छेद से प्रतीक्षित है।


Contd ....


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