21.05.2020
We have ever seen some non living and dumb humans in this universe. The nature of those are to snatch everything from anyone at any cost. Actually these people are not human but the stigma in the name of human. Somebodies said we should have to worked on humanitarian ground, but ultimately we are just around the system of "might is right".
When we compare amongst the creatures of nature then we may realise that there is a wide lines of difference. Every creature of nature is social with feeling, where attitude of growth is differentiate them.
Every creature of nature have a fatal attitude to grow yourself. They are even not bother to remove their closer one who comes in their path of development. The tree and plant have a better morality where they are try to grow vertically and horizontally according to availability of space.
The rays of Sunlight will certainly come from the gap of leaf of tree and will teach us to live according to humanitarian ground.
Contd.....
हमने कभी इस ब्रह्मांड में कुछ निर्जीव और गूंगे मनुष्यों को देखा है। उन की प्रकृति किसी भी कीमत पर किसी से भी सब कुछ छीनना है। दरअसल ये लोग इंसान नहीं बल्कि इंसान के नाम पर कलंक हैं। कुछ लोगों ने कहा कि हमें मानवीय आधार पर काम करना चाहिए, लेकिन आखिरकार हम "जिसकी लाठी उसकी भैंस " की प्रणाली के आसपास हैं।
जब हम प्रकृति के जीवों की तुलना करते हैं तो हमें महसूस हो सकता है कि अंतर की एक विस्तृत रेखा है। प्रकृति का प्रत्येक प्राणी भावना के साथ सामाजिक है, जहां विकास का दृष्टिकोण उन्हें अलग पहचान देता है।
प्रकृति के प्रत्येक प्राणी के पास खुद को विकसित करने के लिए एक घातक रवैया है। वे अपने करीबियों को दूर करने के लिए भी परेशान नहीं हैं जो उनके विकास के मार्ग में आते हैं। पेड़ और पौधे की बेहतर नैतिकता होती है जहां वे जगह की उपलब्धता के अनुसार लंबवत और क्षैतिज रूप से बढ़ने की कोशिश करते हैं।
सूर्य के प्रकाश की किरणें निश्चित रूप से पेड़ के पत्ते के अंतराल से आएंगी और हमें मानवीय आधार के अनुसार जीना सिखाएंगी।
Contd .....
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